ADVERTISEMENTREMOVE AD

सफेद हो रहे हैं बाल? जानिए ऐसा क्यों होता है

एक बार सफेद हो चुके बाल ‘कलरिंग’ के अलावा और किसी तरीके से काले हो सकते हैं?

Updated
story-hero-img
i
Aa
Aa
Small
Aa
Medium
Aa
Large

मैं 15 साल की थी, जब मैंने अपने बालों में दो-तीन बाल सफेद देखे थें. उससे पहले मुझे यही लगता था कि बाल बुढ़ापे में ही सफेद होते हैं. खैर, मुझे कोई खास फर्क नहीं पड़ा, कभी डॉक्टर के पास भी गई, तो ये बताने का ध्यान नहीं रहा कि मेरे बाल सफेद भी हुए हैं.

हालांकि फोर्टिस हॉस्पिटल, शालीमार बाग की डॉ अनु जैन कहती हैं कि कम उम्र में ही अगर किसी को एक भी बाल सफेद दिखे, तो स्किन स्पेशलिस्ट को दिखाने में देरी नहीं करनी चाहिए क्योंकि तभी बालों के सफेद होने का कारण पता लगाया जा सकता है.

यूं तो बालों का सफेद होना बढ़ती उम्र का नतीजा माना जाता है. लेकिन बचपन में ही बाल सफेद होने का क्या कारण होता है? उम्र बढ़ने के साथ बाल क्यों सफेद होने लगते हैं? बालों का रंग बदलने क्यों लगता है? इन्हीं सवालों का जवाब दे रही हैं डॉ अनु जैन.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्यों सफेद होते हैं बाल?

डॉ जैन बताती हैं, हमारे स्किन और बालों का रंग एक सेल की वजह से बनता है, जिसका नाम मेलानोसाइट है. बालों में इनका कॉन्सेंट्रेशन ज्यादा होता है, इसलिए बालों की रंगत गाढ़ी होती है.

धीरे-धीरे उम्र के साथ मेलानोसाइट जो कलर बनाता है, वो बनाना बंद कर देता है या कम कर देता है और वैसे ही बाल ग्रे होने शुरू हो जाते हैं. इस प्रक्रिया को बहुत से कारक प्रभावित करते हैं.

किस उम्र के बाद बालों का सफेद होना नॉर्मल माना जाता है?

पहले बाल जल्दी सफेद नहीं होते थे, लेकिन आजकल 30 की उम्र के बाद बाल सफेद होने को हम नॉर्मल मानते हैं.

25 की उम्र से पहले बालों का सफेद होना, नॉर्मल चीज नहीं है. इसे प्रीमैच्योर ग्रेइंग ऑफ हेयर या प्रीमैच्योर एजिंग कहते हैं.
डॉ अनु जैन

कम उम्र में बाल सफेद होना एक बीमारी है. डॉक्टरी भाषा में इसे केनाइटिस कहते हैं. हालांकि रिसर्चर्स का मानना है कि अलग-अलग नस्ल के लोगों में अलग-अलग समय पर बाल सफेद होते हैं.

व्हाइट स्किन वाले लोगों में 20 की उम्र से पहले, एशियन लोगों में 25 की उम्र से पहले और अफ्रीकी लोगों में 30 की उम्र के पहले बालों का सफेद होना प्रीमैच्योर हेयर ग्रेइंग कहलाता है.

बालों का सफेद होना और जेनेटिक वजह

डॉ जैन कहती हैं, अगर बचपन में ही बाल सफेद हो रहे हैं, तो ज्यादातर हो सकता है कि बच्चे को कोई न कोई जेनेटिक प्रॉब्लम हो. बहुत सी बीमारियां होती हैं, जिसमें बाल सफेद होना भी शामिल होता है.

जीन में कोई दिक्कत है या पैरेंट्स को प्रॉब्लम है या फैमिली में ही बाल जल्दी सफेद होते हैं, तो बच्चे के बाल भी जल्दी सफेद होने लगते हैं.

इसके अलावा पहले के मुकाबले आजकल 15-16 साल के बच्चों के भी बाल सफेद होने लगे हैं.

जेनेटिक कारण के अलावा और क्या वजहें हो सकती हैं?

1. डैंड्रफ

डॉ अनु जैन बाल सफेद होने की एक बड़ी वजह डैंड्रफ बताती हैं. जैसे ही टीन एज शुरू होती है, पिंपल के साथ डैंड्रफ भी शुरू हो जाते हैं और अगर हम उसे कंट्रोल नहीं करते हैं, तो बाल सफेद हो सकते हैं.

2. डाइट

आजकल की डाइट भी एक अहम कारण है. अच्छा खाने-पीने वालों परिवारों के बच्चों में भी किसी न किसी चीज की कमी हो जाती है. प्रोटीन, कॉपर और आयरन की कमी से बाल सफेद हो सकते हैं.

3. हार्मोनल दिक्कतें

थॉयराइड के कारण भी बाल जल्दी सफेद होने शुरू होते हैं.

स्ट्रेस और स्मोकिंग की आदत को भी बाल जल्दी सफेद होने की वजह बताई जाती है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बालों के सफेद होने की शुरुआत

डॉ जैन के मुताबिक अगर एक भी बाल सफेद दिखें, तो स्किन स्पेशलिस्ट को दिखा लेना चाहिए.

स्कैल्प की कंडिशन देखकर विशेषज्ञ बालों के सफेद होने की वजह जानने की कोशिक कर सकते हैं.

नॉर्मल डाइट के बाद भी अगर किसी चीज की कमी होगी, तो कुछ डाइटरी सप्लीमेंट्स दिया जा सकता है.

बालों को कलर करना कितना सुरक्षित?

डॉ जैन बताती हैं कि जब बाल सफेद हो जाते हैं, तो उसे कलर करने के दो तरीके हैं. पहला ये कि हम उसे ऊपर से कोटिंग करें, जैसे हम हिना में करते हैं या मेंहदी लगाते हैं. दूसरा हेयर डाई या दूसरे केमिकल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना शामिल है.

बालों को कलर करने वाले केमिकल प्रोडक्ट्स बालों की ऊपरी लेयर्स को तोड़कर चढ़ते हैं और तभी इनसे रंगे बाल लंबे समय तक रंगे रहते हैं. लेकिन बालों के ऊपरी लेयर्स जरूर ब्रेक हो जाते हैं, जिससे बाल डैमेज होते हैं. 
डॉ जैन
ADVERTISEMENTREMOVE AD

सफेद हुए बाल दोबारा काले हो सकते हैं?

जब डॉ जैन से सफेद बालों को दोबारा काला करने वाले दावों के बारे पूछा गया तो वो हंस पड़ी.

असल में ये संभव नहीं है. कलरिंग के अलावा ऐसा कोई ऑप्शन नहीं होता, जिससे सफेद हो चुके बाल काले हो जाएं.
डॉ अनु जैन

हालांकि वो ये भी बताती हैं कि मेडिकल की दुनिया में एक मेडिसिन है, जो 25 की कम उम्र से पहले ही प्रभावी होती है. 25 के बाद डॉक्टर्स भी वो दवा नहीं देते.

Published: 
Speaking truth to power requires allies like you.
Become a Member
Monthly
6-Monthly
Annual
Check Member Benefits
×
×